पेट्रोल में 20% इथेनाॅल मिलाने से क्या होगा फायदा, कब तक कार्बन न्यूट्रल बनेगा भारत? जानिए सबकुछ

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नई दिल्ली. भारत सरकार ने अगले साल पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसके बाद इथेनॉल मिश्रण की योजना को आगे बढ़ाने की दिशा में कदम उठाने पर विचार कर रही है. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को सीआईआई बायोएनर्जी समिट में इथेनॉल मिश्रण पर जोर देते हुए कहा कि कार्बन न्यूट्रलिटी के लिए हमें पेट्रोल पर निर्भरता कम करनी होगी. पुरी ने कहा कि 2025 में 20% इथेनॉल मिश्रण की योजना को पूरा करने के बाद इसे आगे बढ़ाया जाएगा.

भारत सरकार ने 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनने की डेडलाइन तय की है. इसके लिए न केवल पेट्रोल और डीजल से चलने वाली आम गाड़ियों से उत्सर्जन को कम करने का लक्ष्य रखा गया है, बल्कि परिवहन और विमानन उद्योगों में भी उत्सर्जन को कम करने की योजना है.

2030 के बदले 2025 में पूरा होगा लक्ष्य
सरकार ने पहले 2030 तक 20% इथेनॉल मिश्रण का संकल्प लिया था, लेकिन बाद में इसे 2025-26 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा. वर्तमान में पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण लगभग 15% है, जो 2014 में सिर्फ 1.5% था.

इथेनॉल मिश्रण का गाड़ियों पर प्रभाव
इथेनॉल की हाइग्रोस्कोपिक प्रकृति के कारण यह इंजन के अंदर कुछ रबर के कंपोनेंट्स को प्रभावित कर सकता है. बीएस-4 वाहनों में इथेनाॅल ब्लेंडेड पेट्रोल से इंजन के पार्ट्स खराब होने के कई मामले सामने आए है. लेकिन E20 (20% इथेनॉल ब्लेंडेड फ्यूल) ईंधन के अनुसार बने इंजन में इसका असर न के बराबर रहने की संभावना है. पेट्रोल से चलने वाले वाहन 10% इथेनॉल मिश्रण पर बिना किसी रुकावट के चल सकते हैं, लेकिन 20% इथेनॉल मिश्रण के लिए कुछ मामूली समायोजन की आवश्यकता हो सकती है. आजकल के समय में बनने वाली गाड़ियों के इंजन 20% इथेनाॅल कंपेटिबिलिटी के साथ आ रहे हैं.

आयात पर कम होगी निर्भरता
सरकार का इथेनॉल मिश्रण को बढ़ावा देने का एक और कारण पेट्रोल और डीजल जैसे जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता को कम करना भी है. इससे ऊर्जा में सुधार को बढ़ावा दिया जा रहा है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा इथेनॉल की खपत से गन्ना और मक्का के किसानों की आय में भी वृद्धि हुई है.

विदेशी मुद्रा बचत और पर्यावरणीय लाभ
पुरी ने कहा, “2014 से 2024 तक, विदेशी मुद्रा की बचत 1.6 लाख करोड़ रुपये रही. CO2 उत्सर्जन में 544 लाख मीट्रिक टन की कमी आई. कच्चे तेल का आयात 181 लाख मीट्रिक टन रहा. ओएमसी ने डिस्टिलरीज को 1.5 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया और किसानों को 90,059 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया.”

इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम के लिए पर्याप्त इथेनॉल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने डिस्टिलरीज की स्थापना के लिए सब्सिडी और इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न फीडस्टॉक की अनुमति देने जैसे कई उपाय पेश किए हैं.

टैग: ऑटो समाचार, पेट्रोल और डीजल



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